क्या आप जानते हैं कि 2025 में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश कौन से हैं? आज के समय में जब हम शक्तिशाली देशों की बात करते हैं तो यह सिर्फ ताकतवर सेना या आर्थिक मजबूती तक ही बात नहीं की जाती। एक बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि वैश्विक शक्ति का मापदंड कई अलग-अलग कारकों पर निर्भर करता है, जैसे सकल घरेलू उत्पाद (GDP), जनसंख्या, सेना की क्षमता, तकनीक में उन्नति इसके साथ ही दुनिया भर में सांस्कृतिक प्रभाव और राजनीतिक प्रभाव।
शक्तिशाली देशों के बारे में बताने के लिए हर साल दुनिया भर में कई रिपोर्ट्स पब्लिश की जाती हैं, जिनमें से कुछ मुख्य के बारे में हम यहाँ बात करेंगे. जैसे यूएस न्यूज की बेस्ट कंट्रीज रैंकिंग, ग्लोबल फायरपावर और वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू. ये सभी रिपोर्ट्स दुनिया भर के देशों की रैंकिंग तय करती हैं। इन रिपोर्ट्स में हमेशा ही अमेरिका शीर्ष पर रहता है, जबकि चीन, रूस और भारत जैसे देश भी तेजी से उभर रहे हैं।
2025 की लगभग सभी रैंकिंग में, शक्ति का मूल्यांकन अलग-अलग तरीक़े से किया गया है। जिसको आप यहाँ से समझ सकते हैं, वर्तमान में अमेरिका की जीडीपी लगभग 28 ट्रिलियन डॉलर की है, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाती है। वहीं, चीन की जनसंख्या 1.41 अरब है, जो इसे मानव संसाधनों में मजबूत बनाती है। दूसरी तरफ़ रूस की विशाल भूमि और सैन्य शक्ति इसे तीसरे स्थान पर रखती है।
इस लेख में, हम दुनिया के टॉप 10 शक्तिशाली देशों की विस्तृत जानकारी देने वाले हैं। प्रत्येक देश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, वर्तमान स्थिति, मजबूतियां, कमजोरियां और वैश्विक भूमिका पर चर्चा करेंगे। हमारा उद्देश्य अपने पाठकों को अनोखी और गहन जानकारी प्रदान करना है, जो सामान्य लेखों से अलग हो। अब चलिए, रैंकिंग की ओर बढ़ते हैं और Top 10 Powerful Countries in the World के बारे में जानते हैं…
1. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
संयुक्त राज्य अमेरिका जिसे शॉर्ट में USA भी कहा जाता है, 2025 की लिस्ट में भी दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बना हुआ है, और यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। क्योंकि सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिका ही दुनिया में टॉप पर रहा है. इसकी वर्तमान में जीडीपी लगभग 28 ट्रिलियन डॉलर है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है।
दूसरी तरफ़ जनसंख्या की बात करें तो वो लगभग 33.5 करोड़ है, और जो सबसे ख़ास बात है वो ये है कि अमेरिका की प्रति व्यक्ति जीडीपी पीपीपी 81,695 डॉलर है। जो इसे दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अगर हम इतिहास देखे तो भी, अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही एक वैश्विक नेता की भूमिका के रूप में रहा है, जिसमें नाटो जैसे बड़े और शक्तिशाली सैन्य गठबंधन का नेतृत्व भी शामिल है।
आज के समय में अमेरिका की सैन्य ताकत का मुक़ाबला दुनिया का कोई भी देश नहीं कर सकता है। ये बात ग्लोबल फायरपावर रैंकिंग से भी साफ़ साफ़ नज़र आती है क्योंकि पिछले कई दशकों से यूएसए इस लिस्ट में पहले स्थान पर क़ब्ज़ा किए हुए है. इसकी सेना में लगभग 1.4 मिलियन सक्रिय सैनिक, हजारों लड़ाकू विमान और परमाणु हथियार के साथ ही दुनिया भर में इसके सैन्य बेस शामिल हैं। इसकी सेना की क्षमता का अंदाज़ा इस बात से भी लगा सकते हैं कि अगर अमेरिका चाहे तो दुनिया के किसी भी कोने में किसी भी वक्त सैन्य कार्यवाही कर सकता है. जो किसी भी अन्य देश के लिए संभव नहीं है. क्योंकि इसकी सेना लगभग पूरी दुनिया में फैली हुई है. एक ख़ास बात और है कि अमेरिका की स्पेस फोर्स दुनिया की पहली अंतरिक्ष सेना है, जो भविष्य में होने वाले युद्धों में क्रांति ला सकती है।
वहीं अगर आप इकोनॉमी की बात करें तो दुनिया में शायद ही मोबाइल और कम्प्यूटर इस्तेमाल करने वाला इंसान होगा जो गूगल, ऐपल और माइक्रोसॉफ़्ट के बारे में ना जानता हो। इसी बात से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि अमेरिका की टेक्नोलॉजी कितनी आगे है। इसके लिए सिलिकॉन वैली जैसी जगहें मुख्य रूप से ज़िम्मेदार हैं जो आज दुनिया भर में होने वाले तकनीकी खोज का केंद्र बिंदु मानी जाती है, जहां एप्पल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां दुनिया को प्रभावित करती हैं।
इतना ही नहीं अमेरिका का सांस्कृतिक प्रभाव भी पूरी दुनिया में है। हॉलीवुड में बनने वाली फ़िल्में करोड़ों-अरबों का कारोबार करती हैं तो ये सिर्फ़ अमेरिकी बाज़ार से संभव नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में हॉलीवुड की फ़िल्मों, संगीत और फैशन को पसंद किया जाता है, जो मनोरंजन के साथ ही एक तरह से वैश्विक संस्कृति को आकार भी देते हैं।
यूएसए की शक्ति का अंदाज़ा सिर्फ़ इतने से ही नहीं लगाया जा सकता। क्योंकि अगर आप दुनिया के किसी भी बड़े संघटन जो वैश्विक प्रभाव रखते हैं उनमें अमेरिका हमेशा से ही एक प्रमुख भूमिका निभाता रहा है, चाहे हम संयुक्त राष्ट्र की बात करें या विश्व बैंक जैसे संगठनों की।
2. चीन (China)
हम दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों कि लिस्ट में शामिल दूसरे देश की बात करे तो वो है ‘चीन’। कुछ समय पहले तक चीन अपनी 1.41 अरब की जनसंख्या के साथ दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश था, हालाँकि अब जनसंख्या के मामले में सबसे बड़ा देश भारत बन चुका है।
चीन की जीडीपी वर्तमान में लगभग 20 ट्रिलियन डॉलर है, और यहाँ पर प्रति व्यक्ति जीडीपी पीपीपी के आधार पर लगभग 24,558 डॉलर है। जो इसे दुनिया के शक्तिशाली देशों में दूसरे नम्बर में शामिल करने के लिए काफ़ी है। अगर आप चीन के इतिहास के बारे में थोड़ा बहुत भी जानते हैं तो आपको पता होगा कि चीन का इस लिस्ट में दूसरे नम्बर पर इतनी जल्दी शामिल होना एक जादू ही है और इस जादू के पीछे है चीन कि कम्युनिस्ट पार्टी। जिसके नेतृत्व में, चीन ने खुद को बहुत ही कम समय में एक प्राचीन सभ्यता से आधुनिक महाशक्ति के रूप में विकसित किया है और उसका यह प्रयास लगातार जारी है। 1949 में चीनी गणराज्य की स्थापना के बाद से ही कम्युनिस्ट पार्टी ने देश में आर्थिक सुधार तेज कर दिए थे, जिसका नतीजा आज सबके सामने है।
सैन्य रूप से अगर हम देखे तो चीन ग्लोबल फायरपावर में तीसरे स्थान पर है। लेकिन अब आप सोच रहे होंगे कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तीसरे नम्बर पर कैसे हो सकती है जबकि इसका सैन्य बजट भी रूस से ज़्यादा है। तो इसके पीछे कई कारण है, जैसे कि चीन की बढ़ती ताक़त और आस पास के देशों से विवाद को देखते हुए दुनिया का कोई भी बड़ा देश जिसके पास वर्ल्ड क्लास सैन्य टेक्नोलॉजी है उसने चीन को अपनी टेक्नोलॉजी नहीं दी (सिर्फ़ रूस को छोड़कर), आज सेना की पावर के मामले में चीन जो कुछ भी है वो सब अपने दम पर है। इसी वजह से अभी उसकी कुछ सैन्य टेक्नोलॉजी में इतना मॉडर्न नहीं हुई हैं जो इसे दुनिया में सैन्य रूप से भी दूसरे नम्बर पर शामिल कर सकें। हालाँकि वो दिन दूर भी नहीं है जब चीन दूसरे या शायद पहले स्थान पर भी क़ाबिज़ हो जाएगा। क्योंकि आज इसका सैन्य बजट अमेरिका के बाद दुनिया में सबसे ज़्यादा है और यह देश लगातार रिसर्च में पैसा लगा रहा है। आज के समय में इसकी सेना में 2 मिलियन से अधिक सक्रिय सैनिक और उन्नत मिसाइल सिस्टम हैं।
आर्थिक रूप से, आज चीन जिस मुक़ाम पर है वैसी सफलता दुनिया में शायद ही कोई देश दोहरा पाएगा। अब तो अपने देश से निकल कर चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के माध्यम से चीन एशिया से लेकर अफ्रीका तक में भारी निवेश कर रहा है, जो इसे वैश्विक व्यापार का केंद्र बनाता है। साथ ही अगर उसका यह प्रोजेक्ट सफल हो गया तो इससे चीन की ताक़त और अर्थव्यवस्था में भारी उछाल देखने को मिल सकता है।
तकनीकी क्षेत्र में यह देश कितना आगे हो चुका है। इसको आप हुआवेई, टिकटॉक, WeChat, Baidu जैसी कंपनियों और इसके 5जी नेटवर्क के अलावा बुलेट ट्रेन से अंदाज़ा लगा सकते हैं। चीन दुनिया में सबसे ज़्यादा बुलेट ट्रेन चलाने वाला देश है। सबसे लम्बी समुद्री ब्रिज चीन ने बनाई है। सबसे ऊँची ब्रिज चीन में है। और तिब्बत में बनने जा रहा दुनिया का सबसे बड़ा डैम इसके तकनीकी पावर का दुनिया को संदेश देता है। यही नहीं चीन का स्पेस प्रोग्राम, जैसे तियांगोंग स्पेस स्टेशन, इसे अंतरिक्ष में मजबूत बनाता है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन काफ़ी पुराना हो चुका है जो जल्द ही धरती पर गिरा दिया जाएगा उसके बाद तो सिर्फ़ चीन ही इकलौता देश बचेगा जिसके पास अपना स्पेस स्टेशन होगा।
3. रूस (Russia)
अब हम बात करेंगे इस लिस्ट में शामिल तीसरे देश के बारे में जो कि रूस है। अगर हम क्षेत्रफल देखें तो रूस इस हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा देश है। हालाँकि सिर्फ़ क्षेत्रफल में बड़ा होना किसी देश को शक्तिशाली नहीं बना सकता। इसके पीछे और भी कई कारक शामिल होते हैं।
आज के समय में इसकी जीडीपी 2 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर है, और जब से रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझा है तब से कई पश्चिमी देश ख़ास कर अमेरिका और यूरोप ने इसके ऊपर कई पाबंदियाँ लगा दी है उसके बावजूद भी रूस अपने फ़ैसले से पीछे नहीं हटा और ना ही इसकी अर्थव्यवस्था बर्बाद हुई है। इससे ही आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि यह कितना शक्तिशाली होगा। हालाँकि रूस की जनसंख्या सिर्फ़ 14.4 करोड़ ही है लेकिन इसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी पीपीपी के अंदर 44000 डॉलर के क़रीब है, जो इसे एक पैसे वाला देश भी बनाती है। अगर आपको इतिहास की थोड़ी बहुत जानकारी होगी तो आपको पता होगा कि रूस का इतिहास सोवियत संघ से जुड़ा है, जो कोल्ड वॉर में महाशक्ति था। 1991 में इसके विघटन के बाद रूस कमजोर हुआ था। लेकिन पुतिन के नेतृत्व में रूस ने पुनरुत्थान शुरू कर दिया है।
सैन्य ताकत की बात करें तो यह देश ग्लोबल फायरपावर में दूसरा स्थान रखता है। यह एक ऐसा देश है जो किसी भी तरह का सैन्य सिस्टम दुनिया के किसी और देश से नहीं ख़रीदता है बल्कि सब कुछ खुद ही बनाता है। इसके पास परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा स्टॉक है। जो अमेरिका जैसे देशों को भी पीछे हटने और रूस से सीधा टकराव लेने से रोक देते हैं।
इसके शक्तिशाली होने में तेल और गैस का निर्यात भी मुख्य भूमिका निभाते हैं, जिस पर लगभग पूरा यूरोप ही निर्भर है क्योंकि अगर रूस सप्लाई कम भी कर दे तो यूरोप में हाहाकार मचना तय है। इससे आप अंदाज़ा लगा ही सकते हैं कि यूरोप की ऊर्जा सुरक्षा के लिए यह देश कितना बड़ा योगदान देता है।
टेक्नोलॉजी के मामले में तो सब ही जानते हैं कि रूस का स्पेस प्रोग्राम कितना आगे है। इसके अलावा साइबर क्षमता दुनिया की सबसे उन्नत मानी जाती है, जो किसी भी देश को प्रभावित करने की क्षमता रखती है। अगर समग्र रूप से देखे तो रूस की शक्ति उसके प्राकृतिक संसाधन, टेक्नोलॉजी और सैन्य क्षमता पर टिकी हुई है।
4. यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom)
यूनाइटेड किंगडम आज के समय में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों की लिस्ट में चौथे स्थान पर है। ब्रिटिश साम्राज्य की विरासत वाला यह देश ब्रेक्सिट के बाद से दुनिया में अपनी नई भूमिका तलाश रहा है। यूके ना सिर्फ़ जीडीपी बल्कि टेक्नोलॉजी, फ़ाइनैन्स और सैन्य क्षमता की वजह से इस लिस्ट में शामिल हुआ है।
2025 में यूनाइटेड किंगडम की जीडीपी लगभग 3.34 ट्रिलियन डॉलर है। और इसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी पीपीपी मॉडल पर लगभग 58,906 डॉलर है। हालाँकि यूके की जनसंख्या सिर्फ़ 6.84 करोड़ ही है लेकिन प्रति व्यक्ति जीडीपी से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि यह कितना अमीर देश है और लोगों की ख़रीदने की क्षमता कितनी ज़्यादा है।
सैन्य रूप से देखा जाए तो, यूके ग्लोबल फायरपावर की लिस्ट में छठे स्थान पर है। इसकी रॉयल नेवी आज भी दुनिया भर में अपना दबदबा रखती है, साथ ही अमेरिका और नाटो के साथ मिलकर पूरी दुनिया में ऑपरेशंस में भाग लेती है। वहीं हम अगर आर्थिक पैमाने पर बात करे तो, लंदन दुनिया भर के लिए एक वित्तीय केंद्र है, यहां के स्टॉक एक्सचेंज को फ़ाइनैन्स से जुड़ा शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति दुनिया में कहीं पर होगा जो इसके बारे में नहीं जानता हो।
दूसरी तरफ़ बीबीसी को तो न्यूज़ और मीडिया में पूरी दुनिया और हम सब जानते ही हैं। इसके अलावा यूके के शैक्षणिक संस्थान में पूरी दुनिया से स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए जाते हैं। यूके की इंटेलिजेंस एजेंसी MI6 दुनिया की सबसे पुरानी मानी जाती है है। इन सब बातों से आपको पता ही चल गया होगा कि आख़िर इस देश का नाम दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों की लिस्ट में चौथे नम्बर पर शामिल होने का क्या कारण है।
5. भारत (India)
दुनिया के 10 सबसे शक्तिशाली देशों की सूची में भारत को 5वें स्थान पर रखूँगा। यह स्थान न केवल भारत की सैन्य शक्ति के कारण है, बल्कि उसकी आर्थिक क्षमता, कूटनीतिक प्रभाव, तकनीकी विकास, और वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है। भारत एक उभरती हुई महाशक्ति है जो अब केवल एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक संतुलन में एक निर्णायक खिलाड़ी भी बन चुका है।
सैन्य दृष्टिकोण से भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सैन्य ताकत है ये हम नहीं कह रहे बल्कि ग्लोबल फ़ायर पावर इंडेक्स कहती है। भारतीय सेना के पास लगभग 14 लाख सक्रिय सैनिक हैं और यह परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र है। इसके अलावा, भारत ने स्वदेशी रक्षा तकनीक पर ज़ोर देते हुए ब्रह्मोस मिसाइल, तेजस फाइटर जेट और हाल ही में विकसित की गई रक्षा प्रणालियों जैसे आकाश एयर डिफ़ेन्स सिस्टम के ज़रिए आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। हिंद महासागर में भारत की समुद्री शक्ति भी तेजी से बढ़ रही है, जिससे उसका प्रभाव क्षेत्रीय सीमाओं से आगे तक पहुंच रहा है।
आर्थिक रूप से भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और अनुमान है कि अगले दशक में यह तीसरे स्थान तक पहुँच सकता है। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, और मेक इन इंडिया जैसी पहलों ने वैश्विक निवेशकों को आकर्षित किया है। भारत की जनसंख्या, जो अब चीन से भी अधिक हो चुकी है, उसे एक विशाल श्रमबल और उपभोक्ता बाजार प्रदान करती है, जिससे उसका वैश्विक आर्थिक महत्व और भी बढ़ता है।
राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से भारत की स्थिति लगातार मजबूत हो रही है। G20, BRICS, QUAD, और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका प्रभावशाली रही है। हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद विरोध, और विकासशील देशों की आवाज़ बनने में भारत ने नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है। भारत की शक्ति केवल सैन्य या आर्थिक नहीं है, बल्कि वह एक संतुलित और बहुआयामी शक्ति के रूप में उभर रहा है — जो उसे दुनिया के शीर्ष 5 शक्तिशाली देशों में शामिल करती है।
6. जर्मनी (Germany)
अब हम आपको 6वें देश के बारे में बताने जा रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के समय का इतिहास अगर आप पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि उस समय जर्मनी दो भागों में बंट गया था, लेकिन उसके बाद जो एकीकरण और पुनर्निर्माण शुरू हुआ उसकी वजह से आज जर्मनी आर्थिक और तकनीकी दिग्गज बन चुका है और 2025 में सबसे शक्तिशाली देशों की लिस्ट में 6वें स्थान पर शामिल है।
जर्मनी यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा देश है। आज के समय में इसकी जीडीपी लगभग 4.46 ट्रिलियन डॉलर हो चुकी है। सबसे ख़ास बात है इसकी जनसंख्या सिर्फ़ 8.45 करोड़ ही है, जिसकी वजह से अगर हम प्रति व्यक्ति जीडीपी पीपीपी मॉडल पर देखें तो यह क़रीब 69,338 डॉलर हो जाती है। इससे आप अंदाज़ा लगा ही सकते हैं की यह देश कितना शक्तिशाली होगा।
जर्मनी हमेशा से ही नाटो में योगदान देता रहा है, लेकिन यह अपने डिफ़ेन्स में ग्लोबल GDP अनुपात के मुक़ाबले कम ही खर्च करता है जिससे यह देश फायरपावर रैंकिंग में नीचे ही रहता है। इस देश की सबसे बड़ी ताक़त को अगर आप देखेंगे तो वो है इसकी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री जिसमें मर्सिडीज और वोक्सवैगन जैसे ग्लोबल ब्रांड शामिल हैं और ये निर्यात में भी अग्रणी हैं। इसी वजह से शायद जर्मनी ने अपना ऑटोबान हाईवे स्पीड लिमिट फ्री कर रहा है ताकि ऑटोमोबाइल की प्रगति को नई उड़ान दी जा सके। जर्मनी के इस लिस्ट में शामिल होने की मुख्य वजह उसकी इंजीनियरिंग और अर्थव्यवस्था का आकार है।
7. दक्षिण कोरिया (South Korea)
अब हम सबसे शक्तिशाली देशों की लिस्ट में छठे स्थान पर क़ाबिज़ देश की बात करने वाले हैं। 2025 में है इस देश की जीडीपी लगभग 1.71 ट्रिलियन है जो कि इसकी जनसंख्या 5.17 करोड़ के हिसाब से बहुत ही ज़्यादा है। इसको आप दक्षिण कोरिया की प्रति व्यक्ति जीडीपी (पीपीपी मॉडल पर) 54,033 डॉलर से देख ही सकते हैं। यह देश हमेशा से इतना पावरफ़ुल नहीं था। लेकिन कोरियाई युद्ध के समाप्त होने के बाद, इस देश ने इतनी तकनीकी प्रगति हासिल कि है कि आज यह एक महाशक्ति के रूप में बन चुका है। इसको आप इस बात से जान सकते हैं कि आज के समय में कोरिया की इंटरनेट स्पीड दुनिया की सबसे तेज है साथ ही यह चिप उत्पादन में भी लीडर है।
उत्तर कोरिया से खतरे के कारण इसने सैन्य रूप से भी खुद को मज़बूत किया है जिसकी वजह से फायरपावर में पांचवें स्थान पर है। इस देश की कई कंपनियाँ जैसे सैमसंग और ह्यूंडई वैश्विक कंपनियाँ हैं, जो इसके अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देती हैं।
8. फ्रांस (France)
अब लिस्ट में शामिल सातवें देश के बारे में जानते हैं जो कि फ्रांस है। वर्तमान में इस देश की जीडीपी लगभग 3.03 ट्रिलियन डॉलर है। इसकी कुल जनसंख्या लगभग 6.82 करोड़ है। वहीं अगर प्रति व्यक्ति जीडीपी (पीपीपी मॉडल पर) देखें तो वो क़रीब 61,157 डॉलर है जो ही बहुत ही हाई मानी जाती है।
सबसे शक्तिशाली देशों में सातवें स्थान पर शामिल फ्रांस सैन्य रूप से भी फायरपावर इंडेक्स में सातवें स्थान पर शामिल है, जो कि इसके शक्तिशाली होने का प्रतीक है। यह देश नाटो के साथ मिलकर पूरी दुनिया में भी ऑपरेशंस करता है। इसकी आर्थिक संपन्नता के लिए आप ये जाना लीजिए कि लक्जरी ब्रांड जैसे लुई विटॉन इसी देश की कंपनी है। एफ़िल टावर और फ्रेंच व्यंजन पूरी दुनिया में जाने जाते हैं।
9. जापान (Japan)
जापान को तो आप सब जानते ही होंगे। ऐसा कहा जाता जापान इस समय भी 2050 में जी रहा है, अगर कोई जापान गया होगा तो वहाँ की टेक्नोलॉजी और इंफ़्रा देख कर इसका अंदाज़ा तो लग ही गया होगा कि सच में ये देश बहुत ही आगे की सोचता है। सबसे शक्तिशाली देशों की इस सूची में जापान आठवें स्थान पर है। इसके पीछे का कारण है यह छोटा सा द्वीपीय देश जीडीपी, टेक्नोलॉजी और इंफ़्रा में बहुत ही आगे है। वर्तमान में इस देश की जीडीपी लगभग 4.21 ट्रिलियन डॉलर है।
वहीं की जनसंख्या की बात करें तो वो करीब 12.5 करोड़ है। जापान के शक्तिशाली होने का एक प्रमाण आप इसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी (पीपीपी मॉडल पर) देख कर लगा सकते हैं जो कि क़रीब 50,207 डॉलर है।
जापान दुनिया का इकलौता देश है जिसने परमाणु हमला झेला है। हालाँकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस देश ने शांतिवादी नीति अपनाकर सिर्फ़ अपने आर्थिक विकास पर ध्यान दिया जिसकी वजह से आज यह देश इतना आगे जा चुका है जिसकी बराबरी करना भारत जैसे देश को शायद कई दशक लग जाएँगे।
वहीं अगर हम सैन्य रूप में देखे तो फायरपावर इंडेक्स के अनुसार जापान आठवें स्थान पर। जापान की टोयोटा, सोनी, सुज़ुकी जैसी कंपनियाँ आज पूरी दुनिया में कारोबार कर रही हैं। जापान आज रोबोटिक्स में भी लीडर बन चुका है। इसके साथ ही जापान की बुलेट ट्रेन दुनिया की सबसे तेज मानी जाती है और दुनिया में अगर समय में कोई ट्रेन चलती है तो वो सिर्फ़ जापान में ही है।
10. इजराइल (Israel)
इजराइल के बारे में मुझे शायद आप लोगों को कुछ बताने की ज़रूरत है क्योंकि भारत में लगभग सभी लोग इस देश के बारे में जानते हैं. यह एक ऐसा देश है जो अपने सभी बॉर्डर पर विरोधियों से घिरा हुआ है फिर भी कोई भी देश या संगठन इसका कुछ बिगाड़ नहीं सकते क्योंकि इसकी सैन्य क्षमता और ख़ुफ़िया विभाग के साथ डिफ़ेन्स सिस्टम इतना मज़बूत है कि यह किसी भी वक्त किसी को भी सबक़ सिखा सकता है.
अपनी पावर के दम पर छोटा सा यह देश इजराइल इस लिस्ट में दसवें स्थान पर है. इसकी जीडीपी लगभग 510 बिलियन डॉलर है इसके बावजूद यह बहुत शक्तिशाली हाई क्योंकि इसकी जनसंख्या बहुत ही कम लगभग 97.6 लाख ही है जिससे इसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी (पीपीपी मॉडल पर) लगभग 53,434 डॉलर हो जाती है। इसे दुनिया में यहूदियों का एकमात्र देश माना जाता है और तकनीकी हब के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाता है। इजराइल की शक्ति मुख्य रूप से इनोवेशन और हाई लेवल की टेक्नोलॉजी पर निर्भर है।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने 2025 में टॉप 10 शक्तिशाली देश की सूची तैयार की है, जिससे आपको दुनिया के पावरफ़ुल देशों के बारे में जानकारी मिलती है. आशा है कि यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा, इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया में ज़रूर शेयर करें।