प्याज काटते समय आँखों से आंसू क्यों निकलते हैं? वैज्ञानिक कारण और रोकने के आसान उपाय

प्याज एक ऐसा सब्जी है जो हर रसोई में मौजूद होता है। भारतीय व्यंजनों से लेकर विश्व भर के डिशेज में इसका इस्तेमाल होता है। लेकिन जब हम प्याज काटते हैं, तो अक्सर हमारी आँखों से आंसू बहने लगते हैं। यह एक आम समस्या है जो हर किसी को परेशान करती है।

क्या आपने कभी सोचा है कि प्याज काटते समय आँखों से आंसू क्यों निकलते हैं? यह कोई जादू नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। इस लेख में हम इस विषय पर गहराई से चर्चा करेंगे और आपको इसके बारे में विस्तार से बताएँगे। हम वैज्ञानिक कारण, रासायनिक प्रतिक्रिया, आँखों की जैविक प्रतिक्रिया, मिथक, स्वास्थ्य लाभ और आंसू रोकने के उपायों पर विस्तार से बात करेंगे।

यह लेख आपको हर छोटी-बड़ी डिटेल प्रदान करेगा। अगर आप “प्याज काटते समय आँखों से आंसू क्यों निकलते हैं” ये जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए परफेक्ट है। आइए, सबसे पहले वैज्ञानिक कारण समझते हैं।

वैज्ञानिक कारण: प्याज क्यों रुलाता है?

प्याज काटते समय आँखों से आंसू आने का मुख्य कारण एक रासायनिक प्रतिक्रिया में छिपा हुआ है। प्याज में मुख्य रूप से सल्फर युक्त कंपाउंड्स मौजूद होते हैं, जैसे कि अमीनो एसिड सल्फॉक्साइड्स (Amino Acid Sulfoxides)। जब भी हम प्याज को काटते हैं, तो उसकी कई कोशिकाएं एक साथ टूटती हैं। इन टूटी हुई कोशिकाओं से दो मुख्य चीजें निकलती हैं: एंजाइम्स (जैसे एलिनेज) और सल्फेनिक एसिड।

ये दोनों मिलकर एक गैस बनाते हैं जिसका नाम है सिन-प्रोपेनेथियल-एस-ऑक्साइड (syn-Propanethial-S-oxide) है। यह एक वोलेटाइल गैस है, जो हवा में फैल जाती है और हमारी आँखों तक पहुँचती है। आँखों में मौजूद पानी (आंसू की परत) के साथ यह गैस प्रतिक्रिया करती है और थोड़ा सा सल्फ्यूरिक एसिड बनाती है। सल्फ्यूरिक एसिड एक इरिटेंट होता है, जो आँखों में जलन पैदा करता है।

आँखें इस इरिटेशन (जलन) से खुद को बचाने के लिए आंसू पैदा करती हैं। यह हमारे शरीर का एक प्राकृतिक रक्षा तंत्र है। इस प्रकार लैक्रिमल ग्लैंड्स यानी आँखों में मौजूद आंसू ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं और आंसू बहने लगते हैं ताकि इरिटेंट को कम किया जा सके। यह प्रक्रिया इतनी तेज होती है कि कुछ सेकंड में ही आंसू बहने लगते हैं और कभी कभी तो आँखें लाल भी हो जाती हैं.

अब आप सोच रहे होंगे की प्याज में सल्फर कहा से आता है? तो इसका सिम्पल सा जवाब है – मिट्टी से आता है, जहां प्याज़ उगता है। प्याज़ मिट्टी से सल्फर को अवशोषित करता है, जो उसके अमीनो एसिड में शामिल हो जाता है। जब काटते समय प्याज़ की कोशिकाएं टूटती हैं, तो एलिनेज एंजाइम ‘सल्फेनिक एसिड’ को प्रोपेनेथियल एस-ऑक्साइड में बदल देता है। यह गैस आँखों के कॉर्निया पर पहुंचकर पानी के साथ मिलती है और हल्का सल्फ्यूरिक एसिड बनाती है।

अब आप ये सोच सकते हैं कि ऐसा क्यों होता है? तो ज़रा रुकिए, और सोचिए इस धरती पर मौजूद हर जीव यहाँ तक कि पेड़-पौथे अपनी रक्षा कैसे करते हैं. तो इसका जवाब है सभी अपनी सुरक्षा के लिए कोई न कोई सुरक्षा तंत्र विकसित करते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एक विकासवादी विशेषता है। प्याज खुद को जानवरों और कीड़ों से बचाने के लिए इस गैस को विकसित करता है। जब कोई जानवर प्याज को काटता या चबाता है, तो यह गैस निकलती है और हमला करने वाले को असुविधा होती है। मनुष्यों पर भी यही प्रभाव पड़ता है।

कुछ प्याज की किस्में, जैसे स्वीट ऑनियन, कम सल्फर वाली होती हैं और कम आंसू पैदा करती हैं। लेकिन सामान्य लाल या सफेद प्याज में यह प्रभाव ज्यादा होता है।

प्याज ने यह रासायनिक हथियार विकसित किया ताकि खुद को बचाए। भूमिगत बढ़ने वाली सब्जियां जानवरों और कीड़ों से खतरे में होती हैं। प्याज़ का यह डिफ़ेन्स सिस्टम इसलिए विकसित हुआ ताकि यह ज़मीन के अंदर जब तक रहती है खुद को कीड़ों से बचाकर पनप सके और बड़ी हो सके। इसमें पाया जाने वाला सल्फर कंपाउंड्स एक प्राकृतिक कीटनाशक हैं। यह प्रभाव प्याज को जीवित रखता है।

जैविक प्रतिक्रिया: आँखें कैसे प्रतिक्रिया देती हैं?

आँखें बहुत संवेदनशील होती हैं। जब इरिटेंट गैस आँखों तक पहुंचती है, तो ट्राइजेमिनल नर्व सक्रिय हो जाता है। यह नर्व दिमाग को सिग्नल भेजता है कि खतरा है। दिमाग लैक्रिमल ग्लैंड्स को आदेश देता है कि आंसू पैदा करें। आंसू में पानी, नमक और एंजाइम्स होते हैं जो इरिटेंट को न्यूट्रलाइज करते हैं।

यह प्रक्रिया पोंस (pons) नामक दिमाग के हिस्से से नियंत्रित होती है। अगर इरिटेशन ज्यादा हो, तो आँखें बंद हो सकती हैं या खुजली हो सकती है। कुछ लोगों में यह प्रभाव कम होता है क्योंकि उनकी आंसू ग्रंथियां कम सक्रिय होती हैं या वे इम्यून हो जाते हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों के लिए यह एक समस्या है।

प्याज की खेती का इतिहास

प्याज की खेती कम से कम 7000 साल पुरानी है। इसका उद्गम मध्य एशिया माना जाता है, लेकिन निश्चित रूप से कहना मुश्किल है। प्राचीन मिस्र, चीन और भारत में प्याज का इस्तेमाल होता था। मिस्र में प्याज को अनंत जीवन का प्रतीक माना जाता था। फारो के साथ प्याज को दफनाया जाता था।

प्राचीन ग्रीस और रोम में प्याज को भोजन और दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। कहा जाता है कि ग्लैडिएटर्स भी प्याज से ताकत पाते थे। मध्य युग में यूरोप में प्याज को पेट की गैस रोकने के लिए इस्तेमाल होता था। अमेरिका में स्पेनिश खोजकर्ताओं ने प्याज लाया।

भारत में प्याज वैदिक काल से मौजूद है। आयुर्वेद में इसका उल्लेख है। प्याज के आंसू प्रभाव का जिक्र प्राचीन ग्रंथों में भी है, जहां इसे कीड़ों से बचाव के रूप में देखा जाता था। आज प्याज विश्व का तीसरा सबसे बड़ा सब्जी उत्पादन है।

प्याज की किस्में और उनके प्रभाव

विभिन्न प्याज की किस्में अलग-अलग आंसू पैदा करती हैं:

  • लाल प्याज: ज्यादा सल्फर, ज्यादा आंसू।
  • सफेद प्याज: मध्यम प्रभाव।
  • स्वीट ऑनियन: कम सल्फर, कम आंसू।
  • हरी प्याज: बहुत कम प्रभाव क्योंकि कम परिपक्व होती है।

भारत में प्याज़ मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गुजरात में उगाए जाते हैं। हालाँकि कई दूसरे राज्यों में भी छोटे स्तर पर प्याज़ उगाई जाती है। लोकल स्तर पर तो गाव में रहने वाले लगभग सभी लोग अपने उपयोग की थोड़ी सी प्याज़ तो उगा ही लेते हैं.

आंसू रोकने के उपाय: प्रभावी टिप्स

प्याज काटते समय आंसू रोकने के कई तरीके हैं। यहां कुछ सिद्ध टिप्स बता रहा हूँ जो आपके काम आ सकते हैं:

  1. तेज चाकू इस्तेमाल करें: कुंद चाकू कोशिकाओं को कुचलता है, ज्यादा गैस निकलती है। तेज चाकू साफ कट देता है।
  2. प्याज को ठंडा करें: फ्रिज में 10-15 मिनट रखें। ठंडा तापमान एंजाइम प्रतिक्रिया को धीमा करता है।
  3. पानी के नीचे काटें: पानी गैस को घोल देता है।
  4. गॉगल्स पहनें: स्विमिंग गॉगल्स या ऑनियन गॉगल्स आँखों को बचाते हैं।
  5. फैन चलाएं: हवा गैस को दूर बहाती है।
  6. जीभ बाहर निकालें या मुंह में पानी भरें: गैस मुंह की नमी से प्रतिक्रिया करती है।

ये टिप्स 90% तक प्रभावी हैं, जिन्हें आप आज़मा कर देख सकते हैं.

प्याज के स्वास्थ्य लाभ:

प्याज एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर मानी जाती है। यह दिल की बीमारियां को रोकने में सहायक होती है, कैंसर से लड़ता है, ब्लड शुगर कंट्रोल करता है। क्वर्सेटिन नामक कंपाउंड इम्यूनिटी बढ़ाता है। कच्चा प्याज विटामिन C देता है।

रेसिपीज में प्याज

प्याज का इस्तेमाल सब्ज़ी, सलाद, करी, सूप इत्यादि में होता है। उदाहरण: ऑनियन भजिया, प्याज की सब्जी इत्यादि। ख़ासकर भारत में तो इसका इस्तेमाल बहुत सारी रेसिपीज में होता है।

निष्कर्ष

प्याज काटते समय आंसू एक प्राकृतिक प्रक्रिया है लेकिन कुछ उपायों से आंसू को रोका या कम किया जा सकता है। इस लेख ने आपको वैज्ञानिक, ऐतिहासिक और व्यावहारिक जानकारी दी। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो, तो अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें। ऐसी ही रोचक जानकारियों के लिए हमारे साथ जुड़ें रहें।